रूस और अमेरिका के बीच संबंध फिर से तनावपूर्ण मोड़ पर आ गए हैं। सोची में विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के एक मंच पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अगर वॉशिंगटन यूक्रेन को लंबी दूरी की टोमहॉक क्रूज़ मिसाइलें उपलब्ध कराता है, तो यह केवल युद्ध को तेज करने वाला कदम नहीं होगा बल्कि रूस और अमेरिका के बीच संबंधों में “नए स्तर का टकराव” उत्पन्न करेगा।
पुतिन का तर्क
पुतिन ने मंच पर अपने भाषण में कहा कि ऐसी मिसाइलें युद्धक्षेत्र के संतुलन को प्रभावित नहीं करेंगी, क्योंकि रूस की वायु रक्षा प्रणाली हर नए खतरे का मुकाबला करने में सक्षम है। उन्होंने दावा किया कि रूस की सेना लगातार और मजबूती से यूक्रेन के खिलाफ बढ़त बनाए हुए है।
उन्होंने कहा, “हम किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे। अगर अमेरिकी टोमहॉक मिसाइलें यूक्रेन को दी गईं, तो इसका जवाब रूस मजबूती से देगा। यह केवल युद्ध के मैदान पर असर नहीं डालेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नई जटिलताएँ खड़ी करेगा।”
क्रेमलिन का भी कड़ा रुख
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी अमेरिका को आगाह किया। उन्होंने कहा कि अगर टोमहॉक मिसाइलों की आपूर्ति हुई तो यह “गंभीर तनाव” पैदा करेगा और रूस को सटीक और कड़ा जवाब देना पड़ेगा।
लावरोव ने जोड़ा अपना दृष्टिकोण
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि इन मिसाइलों से युद्ध के मैदान पर हल्का असर हो सकता है, लेकिन यह कोई “निर्णायक बदलाव” नहीं लाएंगी। उनका मानना है कि रूस की सैन्य रणनीति और तैयारियाँ पर्याप्त हैं और किसी भी नए खतरे का सामना करने में सक्षम हैं।
चिंता की वजह
अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी लंबे समय से यूक्रेन को उन्नत हथियार मुहैया कराते रहे हैं। अब अगर लंबी दूरी की टोमहॉक क्रूज़ मिसाइलें भी भेजी जाती हैं, तो यह रूस की सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा सकती हैं। यह कदम न सिर्फ युद्ध की दिशा बदल सकता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और वैश्विक सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि टोमहॉक मिसाइलें लंबी दूरी तक सटीक हमले करने में सक्षम हैं और अगर वे यूक्रेन को मिल जाती हैं, तो यह रूस के दृष्टिकोण से स्ट्रैटेजिक बैलेंस को चुनौती दे सकती हैं।
पुतिन और रूस के शीर्ष अधिकारियों का ताजा बयान साफ करता है कि यूक्रेन को अमेरिकी लंबी दूरी की मिसाइलें देने का कोई विकल्प रूस के लिए स्वीकार्य नहीं है। यदि अमेरिका ऐसा करता है तो इससे रूस-अमेरिका संबंधों में और गहरी खाई बन सकती है। इस तनाव का असर न केवल यूरोप बल्कि वैश्विक राजनीति और सुरक्षा पर भी देखने को मिल सकता है।
