गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच पिछले दो साल से जारी संघर्ष में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को शांति योजना स्वीकार करने का अल्टीमेटम दिया था। इसमें गाजा में युद्धविराम, बंधकों की रिहाई, और प्रशासनिक नियंत्रण को एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी निकाय को सौंपने जैसी प्रमुख शर्तें शामिल थीं।
ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि हमास रविवार शाम तक इस योजना पर सहमत नहीं होता, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने इसे “अंतिम मौका” बताते हुए कहा कि असफलता की स्थिति में गंभीर संकट उत्पन्न होगा।
हमास की प्रतिक्रिया
हमास ने शुक्रवार को बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि उसने ट्रंप की योजना के कुछ हिस्सों को स्वीकार किया है, जिसमे सभी इजरायली बंधकों की रिहाई। गाजा के प्रशासनिक नियंत्रण को एक स्वतंत्र तकनीकी निकाय को सौंपना।हालांकि हमास ने शस्त्रों के निषेध और अन्य शर्तों पर और विचार-विमर्श की आवश्यकता जताई है। इसके अलावा, हमास ने कहा कि कोई भी समझौता पूरा फिलिस्तीनी समर्थन मिलने के बाद ही लागू होना चाहिए।
ट्रंप और इजरायल की प्रतिक्रिया
ट्रंप ने हमास की प्रतिक्रिया के बाद इजरायल से गाजा में बमबारी तुरंत रोकने का आदेश दिया। उनका कहना था कि यह कदम स्थायी शांति की दिशा में सकारात्मक संकेत है। इजरायल ने पहले चरण में बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन गाजा के कुछ हिस्सों में बमबारी जारी है, जिससे योजना के कार्यान्वयन में देरी हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और मध्यस्थता
मिस्र और कतर इस शांति प्रयास में मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी युद्धविराम और बंधकों की सुरक्षित रिहाई का समर्थन किया है। एपी न्यूज़ के अनुसार, गाजा में मानवीय संकट गहरा गया है, जिसमें अब तक 66,000 से अधिक लोग मारे गए और 90% से अधिक आबादी विस्थापित हो चुकी है।
गाजा पट्टी में यह स्थिति स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। हालांकि, प्रमुख मुद्दों पर सहमति की कमी और इजरायल की बमबारी जारी रहने से स्थायी शांति की दिशा में अनिश्चितता बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि हमास और इजरायल आपसी समझ और सहयोग दिखाते हैं, तो संघर्ष के खत्म होने की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।
