लालगंज के सिद्धार्थ सिंह ने आईआईटी कानपुर में अवध लोकगीत पर किया भावपूर्ण काव्य पाठ, मां शारदे को दिया श्रेय

प्रशासनिक सचिव के काव्य पाठ ने किया सभी को मंत्रमुग्ध

रायबरेली, लालगंज। मां शारदे की कृपा और शिक्षा-संस्कार की साधना का परिणाम है कि बीएमपीएस (बक्शी मेमोरियल पब्लिक स्कूल) के प्रशासनिक सचिव सिद्धार्थ सिंह ने अपने काव्य-पाठ से न केवल श्रोताओं को भाव-विभोर किया, बल्कि अवध की सांस्कृतिक विरासत को नए रूप में प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

आईआईटी कानपुर के आउटरीच ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में देशभर से आए ख्यातिलब्ध कवियों के मध्य सिद्धार्थ सिंह ने “अवध के लोकगीत” पर आधारित काव्य-पाठ प्रस्तुत किया। उनके ओजस्वी स्वर और भावपूर्ण प्रस्तुति ने उपस्थित जनमानस को मंत्रमुग्ध कर दिया।

श्री सिंह ने कहा कि “शायद मां शारदे के आशीर्वाद और प्रेरणा से ही यह संभव हो सका कि मैं काव्य-पाठ करते हुए अपने भीतर की रचनात्मकता को समाज के सामने रख सका। शिक्षा, सामाजिकता और व्यवहारिकता -इन तीनों ही क्षेत्रों में मैंने सदैव अपनी भूमिका को सार्थक बनाने का प्रयास किया है।”

बक्शी मेमोरियल पब्लिक स्कूल में प्रशासनिक सचिव के रूप में कार्यरत सिद्धार्थ सिंह अपने व्यवहार, शैक्षणिक दृष्टिकोण और संगीत-प्रेम के लिए जाने जाते हैं। अंग्रेज़ी भाषा की शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में उन्होंने विद्यालय को नई दिशा दी है।

साहित्य और संगीत की इस समन्वित प्रस्तुति को लेकर क्षेत्र के सुधी जन, शिक्षाविद और कवि समुदाय उनके इस योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं।

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