लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को लोक भवन स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से छात्रवृत्ति की धनराशि ट्रांसफर करेंगे।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री 4.83 लाख से अधिक छात्रों को ₹126.68 करोड़ की राशि वितरित करेंगे। यह वितरण कार्यक्रम ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 संकल्प’ के तहत युवाओं को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने पहली बार वित्तीय वर्ष 2025-26 से सितंबर माह में ही छात्रवृत्ति वितरण प्रारंभ किया है। पहले चरण में 62.13 करोड़ रुपये व्यय कर 2.5 लाख से अधिक अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को लाभान्वित किया जा चुका है, जबकि अब दूसरे चरण में शेष छात्रों तक लाभ पहुंचाया जाएगा।
शिक्षा से सशक्त युवा ही बनाएंगे विकसित उत्तर प्रदेश : मंत्री नरेन्द्र कश्यप
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा, “जब प्रदेश का युवा शिक्षित होगा तभी विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश का ‘शताब्दी संकल्प-2047’ साकार होगा।” मंत्री ने कहा कि सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की पूरी प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और पूर्णतः डिजिटल बना दिया है।
बजट में 2.5 गुना वृद्धि – अब ₹3124 करोड़
वर्ष 2016-17 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट ₹1295 करोड़ था, जो बढ़कर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹3124.45 करोड़ हो गया है, यानी ढाई गुना वृद्धि। केवल छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के बजट में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है, ₹1092 करोड़ से बढ़कर ₹2825 करोड़ रुपये।
विभागीय योजनाओं के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि
पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना: ₹107.33 करोड़ से बढ़ाकर ₹325 करोड़
दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना: ₹984.62 करोड़ से बढ़ाकर ₹2500 करोड़
शादी अनुदान योजना: ₹141.55 करोड़ से बढ़ाकर ₹200 करोड़
कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना: ₹11 करोड़ से बढ़ाकर ₹35 करोड़
छात्रावास अनुरक्षण: ₹5 करोड़
प्रचार-प्रसार हेतु प्रावधान: ₹1 करोड़
सरकार का लक्ष्य – हर विद्यार्थी तक पहुंचे शिक्षा का अधिकार
सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि कोई भी छात्र आर्थिक स्थिति के कारण अपनी शिक्षा अधूरी न छोड़े। डिजिटल माध्यम से सीधे खाते में धनराशि भेजे जाने से न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया भी तेज हुई है।
यह पहल प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए नई आशा लेकर आई है और शिक्षा के माध्यम से “आत्मनिर्भर युवा, सशक्त उत्तर प्रदेश” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में ठोस कदम है।
