आर. स्टीफन
चिरमिरी, छत्तीसगढ़। सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा के पावन अवसर पर सोमवार को चिरमिरी के सभी छठ घाटों पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। हजारों की संख्या में परिवारजन घाटों पर पहुँचकर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने और छठी मैया की पूजा-अर्चना में लीन रहे।
छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के विभिन्न छठ घाटों- हल्दीबाड़ी, डोमनहिल, झगराखांड और हसदेव नदी तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही उमड़ पड़ी। पूरा वातावरण “जय छठी मैया” के जयघोष से गूंज उठा।
चार दिवसीय पर्व की झलक
छठ पूजा भारत के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण लोक पर्वों में से एक है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित भारत के कई हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित होता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में स्नान, उपवास, पवित्रता और सूर्यास्त तथा सूर्योदय के समय नदी या जलाशय में अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाती है।
जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों की सहभागिता
इस अवसर पर समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता ने विभिन्न घाटों पर पहुँचकर श्रद्धालुओं को छठ की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जो परिवार, प्रकृति और श्रद्धा के संगम का प्रतीक है। हल्दीबाड़ी छठ घाट पर पहुंचे पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने कहा कि “छठ पूजा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह अनुशासन, संयम और सामूहिकता का संदेश देता है।” वहीं स्वास्थ्य मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने छठ मैया की पूजा कर जनमानस की खुशहाली और स्वास्थ्य की कामना की।
निष्पक्ष भारतीय पत्रकार संगठन का सम्मान
हल्दीबाड़ी छठ घाट के व्यवस्थापक संजय सिंह ने निष्पक्ष भारतीय पत्रकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रिचर्ड स्टीफन एवं उनकी टीम का पुष्पगुच्छ और हार पहनाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि “आपकी टीम वर्षों से इस पर्व की कवरेज करती आ रही है, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। अगर कोई कमी हो तो बताएं ताकि अगले वर्ष इस घाट को और बेहतर बनाया जा सके।”
श्रद्धा में डूबी महिलाएं और परिवारजन
छठ घाटों पर उपस्थित महिलाओं ने छठ मैया के गीतों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कई श्रद्धालुओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि छठ पूजा सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है जो प्रकृति और सूर्य के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
