रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देशानुसार मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत घरेलू हिंसा/दहेज उन्मूलन थीम पर ब्लॉक हरचंदपुर के ग्राम कठवारा में जागरूकता चौपाल का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों, आत्मसुरक्षा और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था।
महिला कल्याण विभाग की यूनिट हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ वीमेन से शेफाली सिंह, जिला मिशन कोऑर्डिनेटर (जेंडर) द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 और दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि यदि किसी महिला पर घरेलू हिंसा होती है तो वह 60 दिनों के भीतर दीवानी उपचार प्राप्त कर सकती है। यह कानून केवल विवाहित महिलाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि माताएं, बहनें, विधवाएं या वे महिलाएं जो दुर्व्यवहार करने वाले के साथ रह रही हैं, सभी इस अधिनियम के तहत कानूनी संरक्षण की हकदार हैं।
दहेज उन्मूलन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “दहेज मांगना या देना दोनों ही अपराध हैं। दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 की धारा 4 के अनुसार दोषी पाए जाने पर छह महीने से दो वर्ष तक का कारावास और ₹10,000 तक का जुर्माना हो सकता है।”
शिक्षा, जागरूकता और आत्मनिर्भरता से बदलेगी मानसिकता
शेफाली सिंह ने कहा कि दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए समाज में शिक्षा, जागरूकता और मानसिकता परिवर्तन जरूरी है। उन्होंने कहा कि “बेटियों को सशक्त बनाना, उन्हें अच्छी शिक्षा और करियर के अवसर देना ही असली परिवर्तन की शुरुआत है। विवाह को व्यावसायिक सौदा नहीं, बल्कि सम्मान और विश्वास का रिश्ता माना जाना चाहिए।”
सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई
कार्यक्रम में जेंडर स्पेशलिस्ट पूजा तिवारी ने शासन की विभिन्न योजनाओं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, और स्पॉन्सरशिप योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर और महिला हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 181 के बारे में भी बताया, जिससे किसी भी महिला को तुरंत सहायता मिल सकती है।
ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में ग्राम पंचायत अधिकारी सोमेंद्र सिंह, लाल जी, ग्राम की महिलाओं, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से सहभागिता की। सभी ने इस पहल को सराहा और समाज में महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
