डा. अमिताभ पाण्डेय ने भव्य आयोजन कर परंपरा को दिया नया जीवन
सुरजूपुर की ऐतिहासिक रामलीला का रावण दहन के साथ हुआ समापन
रायबरेली। दशहरा पर्व पर रायबरेली की सांस्कृतिक धरोहर को फिर से जीवंत करने की दिशा में वरिष्ठ समाजसेवी एवं सुरजूपुर रामलीला समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. अमिताभ पाण्डेय ने ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने लगभग चार सौ वर्ष पुरानी प्राचीन रामलीला का भव्य आयोजन कर न केवल परंपरा को पुनर्जीवित किया, बल्कि समाज को अपनी संस्कृति और जड़ों से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
रामलीला मंचन के दौरान स्थानीय बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने एक साथ भाग लेकर श्रीरामचरितमानस के विभिन्न प्रसंगों का सजीव मंचन किया। भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और रावण के पात्रों की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को भक्ति भाव से अभिभूत कर दिया। पूरा वातावरण “जय श्रीराम” के जयघोष से गूंज उठा।
डा. अमिताभ पाण्डेय ने कहा कि “इस रामलीला का उद्देश्य नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों से परिचित कराना है। राम के आदर्श आज भी समाज में एकता, त्याग और मर्यादा का संदेश देते हैं। हमारा प्रयास है कि आने वाले वर्षों में यह परंपरा और अधिक भव्यता के साथ आगे बढ़े।”
रामलीला के समापन पर रावण दहन के साथ कार्यक्रम का पटाक्षेप हुआ। इस अवसर पर मंचन में भाग लेने वाले लगभग 70 कलाकारों को डॉ. पाण्डेय ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में लीला अध्यक्ष प्रवीण श्रीवास्तव, महामंत्री शिवम बाजपेई, उपाध्यक्ष शिवाकांत त्रिपाठी, युवराज श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष मोहित सावंत, उपकोषाध्यक्ष शिवम मिश्रा, प्रबंधक अवधेश चंद्र त्रिपाठी, भार्गवेंदु मिश्रा, सुधांशु बाजपेई, वरिष्ठ मंत्री विश्व प्रकाश पाठक, उप-लीला अध्यक्ष अंकित त्रिपाठी, प्रदीप कश्यप, मंत्री शिवांशु वाजपेई और विराट श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा।
