रायबरेली। समेकित शिक्षा के तहत बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए निःशुल्क मेडिकल एसेसमेंट कैंप का आयोजन ब्लॉक संसाधन केंद्र, अमावां में किया गया। इस कैंप का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं से ग्रसित बच्चों के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र एवं यूनीक डिज़ेबिलिटी (यूडी) आईडी कार्ड बनवाना था।
कैंप में बच्चों का विस्तृत परीक्षण किया गया और उन्हें चिन्हित करके उनके प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। बच्चों और उनके अभिभावकों को समेकित शिक्षा के लक्ष्यों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का संचालन विशेष शिक्षक अभय श्रीवास्तव ने किया, जिन्होंने बच्चों और अभिभावकों को काउंसलिंग के माध्यम से मार्गदर्शन दिया। वहीं विशेष शिक्षिका मीना वर्मा ने बच्चों के डेटा संग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कैंप में विशेषज्ञों के रूप में डी.पी. सरोज- अस्थि सर्जन,डॉ. प्रदीप- फिजिशियन, डॉ. निदा- नेत्र सर्जन, रूबी चौधरी- असिस्टेंट ऑडियोलोजिस्ट सहित निम्नलिखित चिकित्सक और विशेषज्ञ मौजूद रहे। इसके अलावा समेकित शिक्षा टीम के मानसिक मंदता विशेषज्ञ – अभय श्रीवास्तव, श्रवण बाधित विशेषज्ञ – मीना वर्मा, फिजियोथेरेपिस्ट – आरती यादव विशेषज्ञों ने बच्चों का परीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की।
कैंप में अतिथि विषय शिक्षक के रूप में अजय कुमार, राजेश शुक्ला, जितेंद्र कुमार, मनीष कुमार उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया और बच्चों को सम्मानित किया।
कुल 26 दिव्यांग बच्चों का परीक्षण किया गया, जिसमें 13 अस्थि दिव्यांग, 5 मानसिक मंदता से ग्रसित, 5 श्रवण बाधित, 3 दृष्टि बाधित शामिल थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में बी.आर.सी. स्टाफ (संतोष कुमार, आशीष, तनु, सौरभ, मनोज) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कैंप का आयोजन न केवल बच्चों को आवश्यक प्रमाण पत्र और कार्ड उपलब्ध कराने के लिए किया गया, बल्कि उन्हें शैक्षणिक और चिकित्सकीय सहायता भी प्रदान की गई। इस तरह की पहल से दिव्यांग बच्चों और उनके परिवारों के जीवन में सुधार और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
