रायबरेली। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली अमित पाल सिंह के दिशा-निर्देशन में अनुपम शौर्य, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार रायबरेली का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान सचिव अनुपम शौर्य ने महिला बैरक, जेल चिकित्सालय, पाकशाला (किचन) तथा लीगल एड क्लीनिक का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बंदियों से संवाद करते हुए उनका हालचाल जाना और विभिन्न मामलों से संबंधित जानकारी प्राप्त की।
सचिव द्वारा बैरकों में बंदियों के टिकटों की जांच की गई, जिसमें अधिवक्ता के नाम का स्पष्ट उल्लेख आवश्यक बताया गया। बंदियों से उनके मुकदमों में जमानत, गवाही और आरोपों की स्थिति के संबंध में जानकारी ली गई। वहीं बीमार बंदियों के उपचार हेतु जिला कारागार के चिकित्सक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
सचिव ने यह भी बताया कि जिन बंदियों की जमानत जनपद न्यायालय से खारिज हो चुकी है और जो निःशुल्क विधिक सुविधा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें माननीय उच्च न्यायालय, विधिक सेवाएं उपसमिति लखनऊ के माध्यम से जमानत आवेदन दाखिल करने के लिए निर्देशित किया गया।
इसके अलावा नववयस्क बैरक का निरीक्षण भी किया गया। जिन बंदियों की पेशी तिथि उपलब्ध नहीं थी, उनके मुकदमों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने हेतु जिला कारागार प्रशासन व लीगल एड डिफेंस काउंसिल को निर्देश दिए गए।
निरीक्षण उपरांत बंदियों के विधिक अधिकारों पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बंदियों की शिक्षा और व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पुनर्वास के अवसरों पर भी चर्चा की गई, ताकि अधिक से अधिक बंदियों को इसका लाभ मिल सके।
इस अवसर पर जेल अधीक्षक प्रभात सिंह, जेलर हिमांशु रौतेला, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल राजकुमार सिंह, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल योगेश चंद्र, जेल चिकित्सक डॉ. मनीष मिश्रा, उपकारापाल धर्मपाल सिंह और सुमैया परवीन उपस्थित रहे।
