नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव श्री एस. कृष्णन ने नाइलिट डिजिटल यूनिवर्सिटी प्लेटफॉर्म (NDU.Digital) के शुभारंभ को एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा कि यह प्लेटफॉर्म पाठ्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराता है और खासकर उन सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा पहुंचाने का काम करेगा, जहां अच्छे शैक्षणिक संस्थानों की कमी है। श्री कृष्णन ने नाइलिट की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में डिज़ाइन और विनिर्माण दोनों के संदर्भ में संतुलित कोर्स उपलब्ध कराता है और आने वाले वर्षों में यह इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में अहम योगदान देगा।
सांसद और विधायकों की भागीदारी
इस अवसर पर देशभर से कई सांसद और विधायक वर्चुअल माध्यम से जुड़े। इनमें मुजफ्फरपुर से विधायक विजेंद्र चौधरी, माननीय पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी, मिजोरम के लुंगलेई पश्चिम से विधायक टी. लालहिलम्पुइया, दमन से सांसद उमेश भाई पटेल और तिरुपति से सांसद मदिला गुरुमूर्ति शामिल रहे।
केन्द्रीय मंत्री ने विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि मिजोरम का लुंगलेई अब हाल ही में रेल संपर्क जुड़ने के बाद डिजिटल रूप से भी मुख्यधारा से जुड़ चुका है।
1,500 से अधिक प्रतिभागियों की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में देशभर से 1,500 से अधिक छात्र, शिक्षाविद और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास और शिक्षण मॉडलों में नाइलिट की क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाले विशेष स्टॉल लगाए गए।
पैनल चर्चा
लॉन्चिंग के बाद “शिक्षा के डिजिटलीकरण में एआई की भूमिका” पर पैनल चर्चा हुई। इसमें इंटेल की वरिष्ठ निदेशक स्वेता खुराना, इंफोसिस के एआई प्रमुख आशीष तिवारी, डी. वाई. पाटिल संस्थान के अध्यक्ष प्रो. प्रभात रंजन, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की शिक्षा निदेशक डॉ. विनी जौहरी, एए2आईटी के ग्लोबल सीटीओ डॉ. ऋषि मोहन भटनागर और बार्को इलेक्ट्रॉनिक्स के आशीष गुप्ता शामिल रहे। पैनल ने कौशल विकास को उद्योग की जरूरतों से जोड़ने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की।
नाइलिट डिजिटल यूनिवर्सिटी प्लेटफॉर्म (NDU.Digital)
यह प्लेटफॉर्म विश्वस्तरीय, समावेशी और किफायती डिजिटल शिक्षा इकोसिस्टम उपलब्ध कराता है। इसकी प्रमुख विशेषताएं एनसीवीईटी-अनुमोदित और एनएसक्यूएफ-अनुकूल कार्यक्रम, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) के जरिए क्रेडिट ट्रांसफर, उद्योग-एकीकृत पाठ्यक्रम, वर्चुअल लैब और बहुभाषी शिक्षण, सत्यापन योग्य डिजिटल सर्टिफिकेट, एआई-संचालित टूल जैसे करियर पाथवे, इंटरव्यू सिमुलेटर और मेंटरशिप व प्लेटफॉर्म का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 40 लाख शिक्षार्थियों को सशक्त बनाना है।
नाइलिट की भूमिका
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (NIELIT) लंबे समय से डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। 56 केंद्रों, 750 मान्यता प्राप्त संस्थानों और 9,000 से अधिक सुविधा केंद्रों के माध्यम से नाइलिट लाखों छात्रों को प्रशिक्षित कर चुका है।
शिक्षा मंत्रालय ने नाइलिट को “मान्य विश्वविद्यालय” का दर्जा दिया है। इसका मुख्य परिसर पंजाब के रोपड़ में है और 11 अन्य परिसर देशभर में स्थित हैं।
