रायबरेली। खीरों थाना क्षेत्र के सुरजीपर निहस्था गांव में पत्नी की हत्या कर पति द्वारा आत्महत्या किए जाने की सनसनीखेज घटना के बाद रविवार को अंतिम संस्कार के समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया। मृतका सोनी देवी के ससुरालीजनों ने अंतिम संस्कार रुकवाते हुए मृतक भीमराज उर्फ भीकू की संपत्ति उसके बच्चों के नाम किए जाने की मांग उठाई।
शनिवार की रात सुरजीपर गांव में भीमराज उर्फ भीकू (32) ने कथित रूप से धारदार हथियार से अपनी पत्नी सोनी देवी (28) की गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह खेत से लौटे पिता रामनाथ ने जब दरवाजा खोला तो दोनों का शरीर खून से लथपथ पाया।
सूचना पर पुलिस, फोरेंसिक टीम और एएसपी संजीव कुमार सिन्हा मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल की। घटना के समय दंपती के तीनों बच्चे शिवम (9), शुभि (7) और शिवांश (4) लालगंज के सेमरपहा स्थित ननिहाल में थे जहां पर साली की शादी का कार्यक्रम चल रहा था।
अंतिम संस्कार में हंगामा
पोस्टमार्टम के बाद जब शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाए जा रहे थे, तभी मृतका के मायके पक्ष ने जोरदार विरोध किया। उनका कहना था कि मृतका के दोनों बेटों शिवम और शिवांश को भविष्य में संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए।
मायके वालों ने साफ कहा कि “जब तक घर और खेती की जमीन बच्चों के नाम नहीं की जाती, अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे।”
संपत्ति की वसीयत के बाद हुआ अंतिम संस्कार
लगातार विवाद बढ़ता देख मृतका के ससुर रामनाथ ने घर और कृषि भूमि का वसीयतनामा तैयार करवाकर दोनों नाबालिग पोतों के नाम संपत्ति दर्ज कर दी। इसके बाद ही दोनों शवों का गेंगासो घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
