सौरभ जायसवाल
महाराजगंज। बृजमनगंज विकासखंड क्षेत्र में इन दिनों यूरिया और डीएपी खाद का संकट गहराता जा रहा है। खाद बीज भंडारों पर मनमानी कीमतों की वसूली ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। रबी सीजन में गेहूं की बुवाई शुरू होने के साथ ही किसानों को खाद की जरूरत बढ़ जाती है, लेकिन अधिकतर दुकानों पर उर्वरकों की खुली कालाबाजारी की शिकायतें सामने आ रही हैं।

क्षेत्र के किसानों आर्यन जायसवाल, गोविन्द वर्मा, गोभी, आशीष जायसवाल, राजकुमार, अशोक वर्मा, सीताराम राय, भागवत सिंह, रंजीत सिंह, होरिल यादव, प्रकाश राय, अनिल राय, महेंद्र राय, अरुण राय, दिलीप गुप्ता, इनामूल खान, पवन राय, रंजीत राय, सदानन्द राय, गुल्ली सिंह, प्रमोद यादव, सिकंदर यादव ने बताया कि सरकारी दर के बावजूद दुकानदार मनमर्जी से रेट वसूल रहे हैं।
सरकारी दर बनाम बाजार दर
यूरिया की सरकारी कीमत: ₹266 प्रति 45 किलो बोऱी
बाजार में वसूली जा रही कीमत: ₹400–₹600 प्रति बोरी
डीएपी की सरकारी कीमत: ₹1350 प्रति 50 किलो बोरी
बाजार में वसूली जा रही कीमत: ₹1800–₹1950 प्रति बोरी
किसानों का कहना है कि सीमित स्टॉक का बहाना बनाकर खुलेआम लूट मचाई जा रही है। कई किसानों ने बताया कि खाद न मिलने की स्थिति में वे मजबूरी में महंगे दाम पर उर्वरक खरीदने को मजबूर हैं।
दुकानदारों ने होलसेलर पर लगाया आरोप
कुछ दुकानदारों का कहना है कि मुख्य होलसेलर ही उन्हें उर्वरक अधिक दाम पर उपलब्ध कराते हैं, जिसके चलते वे भी सरकारी दर पर खाद नहीं बेच पा रहे हैं।
जिला कृषि अधिकारी ने दिए कार्रवाई के संकेत
इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें अधिक दाम पर उर्वरक बिक्री की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि जांच कर संबंधित दुकानदारों को चिन्हित किया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
किसानों ने शासन से उचित दर पर खाद उपलब्ध कराने और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
