घाट निर्माण को लेकर उठा विवाद, पार्षद बोले- सरकार ने ₹10 लाख का बजट किया है स्वीकृत
सरोजनीनगर के बंधवा तालाब की ज़मीन पर विवाद, सुरेंद्र रावत का दावा “यह ज़मीन मेरे नाम एग्रीमेंट पर है”
शकील अहमद
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र स्थित बंधवा तालाब को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय निवासी सुरेंद्र रावत ने दावा किया है कि जिस भूमि पर नगर निगम घाट निर्माण का कार्य करा रहा है, वह जमीन उनके नाम एग्रीमेंट पर है।
सुरेंद्र रावत का कहना है कि उन्होंने नगर निगम व सरोजनीनगर तहसील के माध्यम से इस भूमि की पैमाइश के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया है, लेकिन इसके बावजूद नगर निगम द्वारा घाट निर्माण का कार्य जारी रखा गया।
“जब तक जमीन की पैमाइश नहीं होती, तब तक घाट निर्माण कार्य रोक दिया जाना चाहिए,”- सुरेंद्र रावत, स्थानीय निवासी
नगर निगम लेखपाल बोले ‘सरकारी कार्य है, रोकना मेरे अधिकार में नहीं’
घटना की जानकारी मिलने पर नगर निगम का लेखपाल मौके पर पहुंचा। उन्होंने बताया कि यह कार्य सरकारी परियोजना के तहत किया जा रहा है।
“यह सरकारी कार्य है, इसे मैं नहीं रुकवा सकता। मामला राजस्व विभाग से संबंधित है,”- नगर निगम लेखपाल
पार्षद राम नरेश रावत का बयान “तालाब सरकारी ज़मीन पर है”
इस मामले में क्षेत्रीय पार्षद राम नरेश रावत (एडवोकेट) ने बताया कि तालाब की ज़मीन सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है।
“यह तालाब सरकारी ज़मीन पर है। घाट निर्माण के लिए सरकार ने लगभग 10 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया है। अगर किसी व्यक्ति का इस ज़मीन पर अधिकार है, तो वह नगर निगम या लेखपाल से संपर्क कर जांच करा सकता है,”- राम नरेश रावत, पार्षद सरोजनीनगर सेकेंड
पार्षद ने कहा कि “सरकार जांच कर ले, जिसकी ज़मीन है उसे वापस मिल जाएगी। हमारा उद्देश्य विकास कार्य को आगे बढ़ाना है।”
स्थानीय स्तर पर चर्चा तेज, जांच की मांग
मामले के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है। कई लोगों का कहना है कि तालाब से जुड़ी जमीनों पर वर्षों से विवाद चलता रहा है और अब घाट निर्माण ने इसे फिर सुर्खियों में ला दिया है। वहीं कुछ लोगों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि भूमि सरकारी है या निजी।
