अगर देश में शराब और नशा बंद नहीं हुआ तो यही देश की बदनामी का कारण बनेगा: बाबा उमाकान्त जी महाराज

शरद पूर्णिमा सत्संग में देश के नेताओं से की नशाबंदी की अपील बोले, “शाकाहारी और नशामुक्त नेता गर्व से कहें कि हम नशामुक्त हैं”

शकील अहमद

उरई। उत्तर प्रदेश के उरई में आयोजित शरद पूर्णिमा के दो दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम में परम् संत बाबा उमाकान्त जी महाराज ने समाज में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यदि देश में शराब और अन्य बुद्धिनाशक नशों को शीघ्र बंद नहीं किया गया, तो यही देश की बहुत बड़ी बदनामी का कारण बन जाएगा।

बाबा जी ने कहा कि नशा इंसान को कमजोर करता है- नशे में रहने वाला व्यक्ति न तो अपने परिवार का भला कर सकता है, न समाज का, और न ही देश की सेवा कर सकता है। उन्होंने देश के नेताओं से अपील करते हुए कहा कि वे खुद नशे से दूर रहें और नशामुक्त समाज के लिए आगे आएं।

बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कहाँ कि “देश के शाकाहारी, नशामुक्त नेताओं को गर्व से कहना चाहिए कि हम नशामुक्त हैं, ताकि समाज में सशक्त संदेश जाए,”

बाबा जी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दोनों शाकाहारी हैं और नशा नहीं करते, लेकिन उनके कुछ मंत्रीगण स्वयं नशा करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये शीर्ष नेता खुले रूप में नशामुक्ति का समर्थन करें, तो समाज पर इसका गहरा असर पड़ेगा।

उन्होंने राजनीति में नशे के प्रभाव को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि आज वोट और नोट के चक्कर में शराबबंदी लागू नहीं की जा रही है। उन्होंने बिहार के उदाहरण का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय वहाँ शराब पर रोक लगी थी, लेकिन राजनीतिक दबावों और स्वार्थों के चलते अब फिर से स्थिति बदल गई है।

बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कहा कि “जो लोग चुनाव में शराब बाँटकर वोट लेते हैं, वे देश की आत्मा को नशे में डुबो रहे हैं। ऐसी राजनीति से देश कभी उन्नति नहीं कर सकता,”

उन्होंने देश के सभी धर्मों, जातियों और वर्गों के लोगों से नशे से दूर रहने की अपील की। बाबा जी ने कहा कि नशा किसी धर्म या संस्कृति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह मनुष्य की चेतना को नष्ट करने वाला जहर है।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “शंकर भगवान ने कभी भांग या नशे का सेवन नहीं किया। वे तो ध्यान में मग्न रहते थे और परमात्मिक ऊर्जा से ऊपर का नशा लेते थे। लोगों ने उनके नाम पर नशा कर के उन्हें बदनाम किया है।”

अंत में बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कहा कि यदि समाज ने समय रहते नशे के खिलाफ एकजुट प्रयास नहीं किया, तो इसका दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा।

उन्होंने भावुक अपील के साथ कहा कि “नशा बर्बाद करता है, परिवारों को तोड़ता है, और देश को खोखला बना देता है। अब भी समय है- नशा छोड़ो, देश बचाओ,”।

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