रायबरेली। किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने के उद्देश्य से किसानक्राफ्ट ने शुक्रवार को हथिगवां मजरेभीतर गाँव, रायबरेली (उत्तर प्रदेश) में सूखे सीधी बुआई धान (Dry Direct Seeded Rice – DDSR) तकनीक पर एक प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को कम पानी में अधिक उत्पादन देने वाली नई तकनीक के लाभों से अवगत कराना था।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र रायबरेली के प्रमुख डॉ. के.के. सिंह, किसानक्राफ्ट के स्टेट मैनेजर दीपक सिंह, असिस्टेंट मैनेजर आलोक जैन, तथा क्षेत्र के दर्जनों किसान मौजूद रहे।
50% कम पानी में समान उत्पादन
किसानक्राफ्ट के विशेषज्ञों ने बताया कि डीडीएसआर तकनीक से धान की खेती में 50% तक पानी की बचत होती है।
जहां पारंपरिक विधि से एक किलो धान के उत्पादन में करीब 5,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है, वहीं सूखे सीधे बीज वाले धान में यह आवश्यकता 2,000 से 2,500 लीटर के बीच रहती है।
इसके साथ ही, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम लागत और मीथेन उत्सर्जन में भी उल्लेखनीय कमी आती है। यह तकनीक कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी कारगर सिद्ध हो रही है।
कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों के विचार
डॉ. के.के. सिंह (प्रमुख, KVK रायबरेली) ने कहा कि “धान की खेती भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जल संकट और पुरानी पद्धतियों के कारण उत्पादन पर असर पड़ रहा है। किसानक्राफ्ट द्वारा विकसित यह नई डीडीएसआर तकनीक 50% कम पानी में समान उत्पादन देने की क्षमता रखती है। यह टिकाऊ खेती की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
किसानक्राफ्ट के असिस्टेंट मैनेजर आलोक जैन ने कहा कि “सूखे सीधे बीज वाले धान से खेती की लागत घटती है, उपज बढ़ती है और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। यह तकनीक किसानों के लिए लाभकारी और पर्यावरण के लिए अनुकूल है।”
किसानों ने साझा किए अनुभव
स्थानीय किसान राम कुमार ने बताया कि “डीडीएसआर खेती में नर्सरी, पोखरिंग और रोपाई की जरूरत नहीं होती। इससे श्रम और लागत दोनों कम होती है। साथ ही, मीथेन उत्सर्जन भी घटता है, जो पर्यावरण के लिए बेहतर है।”
वहीं किसान अशोक त्रिपाठी ने कहा कि “लो-मीथेन धान कार्यक्रम के तहत यूपी में डीएसआर खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह तकनीक जल-संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा दोनों के लिए फायदेमंद है।”
किसानक्राफ्ट के बारे में
किसानक्राफ्ट एक आईएसओ-प्रमाणित निर्माता, थोक आयातक और कृषि उपकरणों का वितरक है। कंपनी का उद्देश्य सीमांत किसानों की आय और उत्पादकता बढ़ाना है। देशभर में इसके 5000 से अधिक डीलर, 14 क्षेत्रीय कार्यालय और 1 विनिर्माण इकाई संचालित हैं। बहुत कम समय में किसानक्राफ्ट देश की सबसे विश्वसनीय और प्रतिष्ठित कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियों में शामिल हो गया है।
कार्यक्रम स्थल और प्रतिभागी
कार्यक्रम हथिगवां मजरे भीतरगांव में किसान अशोक कुमार त्रिपाठी के आवास पर आयोजित हुआ।
इस मौके पर अशोक कुमार उर्फ पप्पू तिवारी, प्रधान रामकुमार मिश्र, गांधी सहाय सिंह, रामखेलावन यादव, मदन शुक्ल, रूपेश शुक्ल, राजेश शुक्ल, दिनेश तिवारी और राजनारायण शुक्ल सहित कई किसान उपस्थित रहे।
