रायबरेली। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता ओ.पी. यादव ने कहा है कि विद्युत विभाग की लूटखसोट और भ्रष्टाचार ने आम उपभोक्ताओं का जीना मुहाल कर दिया है। विभाग की मनमानी और कमीशनखोरी से जनता जहां त्रस्त है, वहीं विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मालामाल हो रहे हैं।
मीटर बदलने में कमीशनखोरी का खुला खेल
श्री यादव ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में कम से कम चार बार मीटर बदले जा चुके हैं, लेकिन हर बार उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। उनका कहना है कि मीटर बदलने की प्रक्रिया में भारी कमीशनखोरी होती है, जिससे विभागीय अधिकारी तो फायदा उठा रहे हैं, लेकिन इसकी मार सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ रही है।
रीडिंग और बिलिंग में मनमानी
वरिष्ठ समाजसेवी ने आरोप लगाया कि अब विभाग द्वारा मौके पर रीडिंग नहीं ली जाती, बल्कि मनमाने ढंग से रीडिंग भेजी जाती है। बाद में “बिल दुरुस्ती” के नाम पर उपभोक्ताओं का दोहन किया जाता है। मीटर बदलने के बाद पुराने मीटरों की जांच रिपोर्ट तत्काल नहीं दी जाती, बल्कि 15-20 दिन बाद उपभोक्ताओं को यह कहकर नोटिस भेजा जाता है कि मीटर से छेड़छाड़ की गई है।
20 हजार में ‘समझौता’ लाखों की लूट
ओ.पी. यादव ने बताया कि उपभोक्ताओं को 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है, और फिर अंदरखाने 20 हजार रुपये लेकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि “अगर हजारों उपभोक्ताओं से प्रति मीटर 20 हजार वसूले जा रहे हैं तो यह करोड़ों की लूट है।”
जर्जर तारों से बिजली आपूर्ति बाधित
उन्होंने कहा कि जर्जर विद्युत तारों और पुराने ट्रांसफॉर्मरों की वजह से अक्सर बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। इससे न केवल जनता परेशान है बल्कि छोटे व्यापारी और किसान भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
राज्यपाल को भेजा गया फैक्स
इस मामले को गंभीर बताते हुए श्री यादव ने महामहिम राज्यपाल को फैक्स भेजकर पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि “विद्युत विभाग की लूट से विभाग घाटे में और अधिकारी-कर्मचारी मालामाल हैं। जनता के साथ हो रहा अन्याय अब रुकना चाहिए।”
