छत्तीसगढ़ के चिरमिरी माइंस में हादसा: ब्लास्ट से कई कर्मचारी जख्मी, मची अफरा-तफरी

निष्पक्ष भारतीय पत्रकार संगठन के पदाधिकारी पहुंचे अस्पताल, दिलाया सहयोग का भरोसा

मजदूरों का आक्रोश- सुरक्षा की मांग पूरी होने तक नहीं करेंगे काम

अधिकारियों की चुप्पी पर उठे सवाल, जांच में जुटा प्रशासन

आर. स्टीफन

चिरमिरी, छत्तीसगढ़। चिरमिरी क्षेत्र के बरतुंगा ओपन कास्ट माइंस में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक ब्लास्टिंग के दौरान हादसा हो गया। इस घटना में एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र और कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कई कर्मचारी घायल हो गए। सभी घायलों का इलाज रीजनल अस्पताल, गोदरीपारा में किया जा रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय खान में नियमित कार्य चल रहा था, तभी अचानक हुए तेज धमाके से आसपास के कर्मचारी घबराकर इधर-उधर भागने लगे। 10 से अधिक मजदूरों को चोटें आईं, जिनमें कुछ को गंभीर बाहरी और आंतरिक चोटें बताई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि अगर यह ब्लास्ट कुछ सेकंड पहले या बाद में होता, तो कई लोगों की जान जा सकती थी।

मजदूरों ने बताया कि यह हादसा सुरक्षा मानकों की लापरवाही के कारण हुआ है। उनका कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद सुरक्षा उपकरण और उचित चेतावनी व्यवस्था नहीं की जाती। कई कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें कंपनी की ओर से कोई आधिकारिक पहचान पत्र या बीमा कवर उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे ऐसे हादसों में उनकी जान और भविष्य दोनों खतरे में रहते हैं।

घटनास्थल का निरीक्षण करने पर देखा गया कि आसपास खड़ी गाड़ियों पर बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें गिरी पड़ी थीं। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई।

सूत्रों के मुताबिक, यह घटना कंपनी प्रबंधन और ठेका एजेंसी की गंभीर लापरवाही का परिणाम है। मौके पर मौजूद अधिकारी अभी तक कुछ भी स्पष्ट रूप से कहने से बच रहे हैं। घटना की जांच एसईसीएल प्रशासन और स्थानीय पुलिस द्वारा शुरू कर दी गई है।

पत्रकार संगठन ने घायलों से मुलाकात कर दिया सहयोग का आश्वासन

जैसे ही घटना की जानकारी मिली, निष्पक्ष भारतीय पत्रकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रिचर्ड स्टीफन एवं प्रदेश सचिव मोहम्मद ज़फर तुरंत रीजनल अस्पताल, गोदरीपारा पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने घायलों को सांत्वना और हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

प्रदेश अध्यक्ष स्टीफन ने कहा कि “यह एक गंभीर लापरवाही का मामला है। सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई, परंतु इस प्रकार की घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है। हमारा संगठन घायलों के साथ खड़ा है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा।”

मजदूरों में आक्रोश, सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध की तैयारी

घटना के बाद से मजदूरों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा से जुड़ी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, वे काम पर नहीं लौटेंगे। मजदूरों ने मांग की है कि सभी कर्मचारियों को बीमा व पहचान पत्र दिए जाएँ। खान में सुरक्षा उपायों और ब्लास्टिंग की पूर्व सूचना प्रणाली को दुरुस्त किया जाए व घायल मजदूरों को उचित मुआवज़ा और निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाए।

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