विकास और पर्यावरण का संगम: ₹25 लाख की विधायक निधि से चांदे बाबा तालाब बनेगा हरियाली और आस्था का प्रतीक
शकील अहमद
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक चाँदे बाबा तालाब (गढ़ी चुनौती) से जुड़ा मामला गुरुवार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT), दिल्ली में सुना गया। सुनवाई के दौरान क्षेत्रीय विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह स्वयं उपस्थित रहे और तालाब क्षेत्र में निवास करने वाले गरीब दलित समुदाय के परिवारों की ओर से पक्ष रखा।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने न्यायाधिकरण के समक्ष आग्रह किया कि “इस क्षेत्र के गरीब परिवारों को बेघर न किया जाए। तालाब का पुनर्विकास, सौंदर्यीकरण और पर्यावरणीय सुधार मानवीय संवेदनशीलता और जन-सहयोग के साथ किया जाए।”
विकास और संवेदना का उदाहरण
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने विधायक निधि (MLA LAD Fund) से चाँदे बाबा तालाब के सौंदर्यीकरण, पुनर्विकास एवं वृक्षारोपण कार्यों के लिए ₹25 लाख की राशि स्वीकृत की है। यह प्रस्ताव न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसे एनजीटी ने सराहा और रिकॉर्ड पर दर्ज किया।
वहीं जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ द्वारा दाखिल शपथपत्र (Affidavit) में बताया गया कि मैक्स हेल्थकेयर ग्रुप के CSR फंड्स से भी इस क्षेत्र के विकास कार्य कराए जाएंगे। सुनवाई के दौरान डीएम द्वारा प्रस्तुत ड्रोन वीडियो फुटेज को न्यायालय ने देखा और चल रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।
डीएफओ (DFO) लखनऊ ने भी तालाब क्षेत्र में हो रहे वृक्षारोपण और हरियाली कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट न्यायाधिकरण में प्रस्तुत की।
दलित परिवारों को राहत- फिलहाल नहीं होगा विस्थापन
एनजीटी ने स्पष्ट किया कि दलित समुदाय के गरीब परिवारों को अभी विस्थापित नहीं किया जाएगा। न्यायालय ने कहा कि फिलहाल ध्यान 36.9 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले चाँदे बाबा तालाब के पर्यावरणीय पुनर्जीवन और समग्र विकास कार्यों पर रहेगा। इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण के साथ मानवीय संवेदना का संतुलन कायम रहेगा।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा “गरीबों की छत भी बचे, हरियाली भी बढ़े”
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि “विकास का अर्थ यह नहीं कि किसी की छत छिन जाए। हमारा उद्देश्य है कि गरीबों की रक्षा करते हुए प्रकृति की भी रक्षा हो। चाँदे बाबा तालाब सरोजनीनगर की आस्था, हरियाली और एकता का प्रतीक बनेगा, मुझे पूर्ण विश्वास है।”
